मेनका गाँधी को जबाब देने के लिए मायावती ने ख़ुद को करोडो बेटो की माँ यह कहते हुए कहा है की सिर्फ़ जनम देने वाली को ही माँ नही कहा जाता ..इसके लिए उन्होंने मदर टेरसा का उदहारण अपने स्पस्टीकरण को मजबूत करने के लिए देते हुए अपने आपको मानवीयता की माँ मदर टेरेसा के बराबर खड़ा करने में हिचक महसूस नही की काश ..मायाजी को कोई यह बतलाये की आप करोडो बेटो को बार-बार बदलने वाली अर्थात कभी दलित तो कभी सवर्ण तो कभी मुस्लिम को रिझाने वाली राजनेतिक माँ तो हो सकती है पर प्रसव वेदना से गुजर कर सीने से सटाकर अपनी छाती का ममत्व रूपी दूध पिलाने वाली न तो मेनका हो सकती है और न ही मानवीयता को अपना कर्म -धर्म बनने वाली मदर टेरेसा सरीखी माँ हो सकती है
मायाजी ,आप वोट बटोरने के लिए राजनितिक ममता का आधुनिक रूप तो हो सकती है पर बेटे से मिलनेके लिए जेल तक आने वाली व ममत्व की आशीष का दूध पिलाने वाली मेनका कभी नही हो सकती इसलिए ममत्व व माँ को राजनीती की चोसर पर लाने की गुस्ताखी कृपया न करे क्योकि माँ का अंचल और उसकी कोख की तड़प कोई राजनितिक माँ नही समझ सकती ..इसलिए दिखावटी ममता से जन्म्दय्नी ममता को मत ललकारिये निठारी कांड को क्या भूल गई है आप?...उन माओ की ममता के क्रंदन ने मुल्याम्सिंह को आउट कर दिया ...इसलिए कुर्सी का नाजायज लाभ मत उठाइए ..वरुण और कानून के बीचराजनीती के दाव पेंच को मत लाइए
Saturday, April 4, 2009
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5 comments:
very good...isi vishay par mera lekh padhen...
Waah waah ji.
Aise hi likhate rahen..
~Jayant
क्या खूब लिखा है ।
बढिया पोस्ट लिखी है।
bilkul baja farmaayaa hai aapne, mayawati shaayad sab kuchh bhool kar baithee hain.
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