Sunday, April 12, 2009
दिन-दहाड़े लूट रही पुलिस
फर्स्ट न्यूज कार्यालय डेस्ककोलकाता। ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन का कारण बताकर, गाड़ी को अटकाकर रिश्वत रूपी ५०० रुपये मांगने व नहीं देने पर टैक्सी को श्यामपुकुर थाने में ले जाने व टैक्सी में पत्रिकाओं को लाने वाले व्यक्ति को थाने में बंद करने की धमकी देकर उस व्यक्ति से ३०० रुपये ऐठने की घटना शोभाबाजार मेट्रो के पास दिनांक ७ अप्रैल २००९ को मध्यान्ह २.३० बजे के करीब हुई। इस घटना में अपनेे आपको स्टार आनन्द का पत्रकार बतलाने वाला एस. भट्टाचार्य ट्रैफिक पुलिस कांस्टेबल द्वारा रुपये उगाहने की प्रक्रिया में दलाल सी भूमिका का निर्वाह कर रहा था। लोकनाथ बुक बाइडिंग से ७ अप्रैल मध्यान्ह २.३० बजे करीब १८०० फर्स्ट न्यूज पत्रिकाओं की एक खेप एक टैक्सी नंबर डब्ल्यूबीओयू-६०५१ के द्वारा फर्स्ट न्यूज हावड़ा मैदान के लिए लाई जा रही थी कि शोभा बाजार मेट्रो के पास ट्रैफिक कांस्टेबल दुर्गापदो राजक ने टैक्सी को अटका कर उसमें सवार बुक बाइन्डर "बापी' से जवाब तलब करने लगा। जब फर्स्ट न्यूज कार्यालय को इसकी सूचना मिली तो कार्यालय के द्वारा बापी से संपर्क करते हुए उपस्थित अधिकारी से बात की गयी तब अधिकारी कांस्टेबल दुर्गाप्रसाद ने फर्स्ट न्यूज संपादक को बताया कि टैक्सी मेंपत्रिकाओं को लाना नियमों का उल्लंघन है तब संपादक के द्वारा खेद प्रगट करते हुए पुनःऐसी भूल न होने का आश्वासन देते हुए एक निवेदन किया गया कि आप जुर्माना काटकर रसीद देकर गाड़ी को कृपया छोड़ दें इतने में ही उस अधिकारी महोदय ने अपना फोन उस व्यक्ति को पकड़ा दिया जो अपने आपको स्टार आनन्द का पत्रकार बताते हुए यह कहने लगा कि हमारे इलाके से हमको बिना पूछे पत्रिकाएं टैक्सी में लायी जा रही है। जब उससे उसका नाम पूछा गया तब उसने एस. भट्टाचार्य बतलाया फिर जब उसको जुर्माना कटाने व रसीद दिलवाने की बात कही गयी तब उस तथाकथित पत्रकार ने यह कहते हुए कि रसीद नहीं मिलेगी फोन काट दिया। इसके पश्चात वे लोग मिलकर बुक बाइन्डर को धमकाने लगे तथा ५०० रुपये की मांग की गयी। जब बापी से कार्यालय को यह जानकारी मिली तो उस तथाकथित पत्रकार व कांस्टेबल से बात करवाने को कहा गया लेकिन वे लोग फिर बात करने के लिए नहीं आये।तब कार्यालय से बुक बाइंडर बापी को निर्देश दिया गया कि अगर पुलिस व तथाकथित दलाल श्यामपुकुर पुलिस स्टेशन टैक्सी को ले जाना चाहते हैं तो आप चले जाइये। पर बिना रसीद के रुपये नहीं देने है।जब बापी ने अपना यह निर्णय उन लोगों को सुनाया तो वे लोग उसे थाने में ंबद करने की धमकी देकर बापी से ३०० रुपये झाड़ने में कामयाब हो गये। जब रुपये देकर छुड़ाने की जानकारी फर्स्ट न्यूज कार्यालय को मिली तो कार्यालय ने पहले श्यामपुकुर थाने में फोन करके पुलिस द्वारा दिन दहाड़े रिश्वत रूपी लूट की यह घटना बताते हुए शोभाबाजार मेट्रो के उस चौराहे पर ड्यूटी पर तैनात अधिकारी का नाम जानना चाहा तब फर्स्ट न्यूज कार्यालय को यह बतलाया गया कि हो सकता है वहां पर ड्यूटी में तैनात अधिकारी ट्रैफिक पुलिस का हो यह कहते हुए उन्होंंने जोड़ा बागान ट्रैफिक कंट्रोल का फोन नंबर दिया। इसके पश्चात ट्रैफिक (जोड़ा बगान) बात की गयी तथा फर्स्ट न्यूज प्रतिनिधि श्रीमती सरवानी दास को दोनों विभागों में इस रिश्वत कांड की शिकायत करने व रिश्वत लेने वाले पात्रों का बायोडाटा लेने के लिए भेजा गया। जब फर्स्ट न्यूज प्रतिनिधि श्रीमती सरबनी दास ने जोड़ा बागान ट्रैफिक गार्ड कार्यालय में इस घटना को बताकर उस वक्त ड्यूटी आफिसर का नाम जानना चाहा तो ड्यूटी आफिसर सार्जेन्ट दिप्तियान कोर बताया गया तथा यह आश्वासन भी दिया गया कि अगर हमारे विभाग का कोई अधिकारी गुनहगार पाया गया तो उसको सजा दी जायेगी। जब फर्स्ट न्यूज प्रतिनिधि शोभा बाजार मेट्रो के पास घटनास्थल पर पहुंच कर वहां ड्यूटीरत सार्जेन्ट से घटना का विवरण जाना तब उन्होंने इस घटना से अनभिज्ञता जाहिर करते हुए उस वक्त घटनास्थल पर कार्यरत ट्रैफिक कांस्टेबल दुर्गा पदो रजक को बुलवाया गया जो कि इस रिश्वतकांड का एक खास पात्र था,ने घटना को स्वीकार किया परंतु रिश्वत लेने से इन्कार किया। हैरत की बात यह रही कि ट्रैफिक कास्टेबल दुर्गापदों ने उस तथाकथित पत्रकार एस. भट्टाचार्य को नहीं पहचानने की भी बात कही इस बीच ट्रैफिक के एडीशनल ओसी ने फर्स्ट न्यूज प्रतिनिधि के साथ ट्रैफिक कांस्टेबल दुर्गापदों को श्यामपुकुर थाने में अपनी गाड़ी से भेजा साथ में बुक बाइन्डर बापी भी था। श्यामपुकुर थाने के सामने तथाकथित पत्रकार एस. भट्टाचार्य अपनी बाइक के पास खड़े थे जिनकी पहचान बापी के द्वारा हमारे प्रतिनिधि को करवाई गयी। आश्चर्य तब हमारे प्रतिनिधि को हुआ जब आरोपी कांस्टेबल दुर्गापदो उस पत्रकार से घुल मिल बात करते दिखे फिर हमारी प्रतिनिधि ने आरोपी पत्रकार एस. भट्टाचार्य से घटनाक्रम के बारे में बात करने की कोशिश की तो एस. भट्टाचार्य ने उस महिला प्रतिनिधि के साथ अशालीन शब्दों का प्रयोग करते हुए यहां तक कह दिया कि यहां तक आने के लिए आपकी हिम्मत कैसे हुई?... एटा आमार इलाका... ओसी व ट्रैफिक कांस्टेबल आमार बांधु... जब यह संवाद फर्स्ट न्यूज प्रतिनिधि व आरोपी पत्रकार एस. भट्टाचार्य के बीच चल रहा था तब श्यामपुकुर थाना प्रभारी एस. के. मित्रा थाने के सामने हो रहे इस तनाव का जायका सामने खड़े होकर ले रहे थे तथा एक महिला पत्रकार को पत्रकारिता की शिक्षा धमकियों से देने वाले उस तथाकथित पत्रकार को नहीं रोक रहे थे। जब फर्स्ट न्यूज प्रतिनिधि ने थाना प्रभारी से सवाल करने की कोशिश की तो उन्होंने झिड़कते हुए न्यूज बनाकर छापने की चुनौती तक दे दी।उक्त आरोपी पत्रकार ने उस पुलिस गाड़ी ड्राइवर को धमकाते हुए कहा कि आजे बाजे लोग को केनो तुले सो? एडशिनल बाबू र कोथाय? उनाके बोलबे आमार संगे कोथाय कोरते....। यहां पर ये आरोपी पत्रकार अपने आपको ऐसा दिखा रहा था जैसे पुलिस विभाग की इस क्षेत्र की चाबी ही उसके पास हो।जब फर्स्ट न्यूज प्रतिनिधि वहां से शोभाबाजार मेट्रो पहुंची तब उक्त आरोपी पत्रकार ने फर्स्ट न्यूज व उसके संपादक के बारे में सवाल पूछने शुरू कर दिये तथा शोभा बाजार के इस इलाके को अपना इलाका बताकर फिर धमकी दी तथा फर्स्ट न्यूज संपादक को घटनास्थल पर आने की चुनौती दी इस अवसर पर आसपास के लोग व ड्यूटीरत पुलिसकर्मी भी थे। मामले को इस सीमा तक बढ़ते देखकर फर्स्ट न्यूज संपादक घटनास्थल पर पहुंचे पर उनके पहुंचने से पहिले ही ये तथाकथित पत्रकार वहां से निकल गया। शोभाबाजार मेट्रो के पास आधे घंटे से भी अधिक फर्स्ट न्यूज संपादक ने वहां खड़े स्थानीय लोगों से बात की तब पता चला कि पत्रकारिता की वर्दी पहन कर यह शख्स श्यामपुकुर थाने व जोड़ाबागान ट्रैफिक कंट्रोल के साथ मिलकर दिन दहाड़े लूट की दुकान चला रहा है। पर स्थानीय लोग पुलिस के झमेले की वजह से प्रतिरोध नहीं कर पा रहे हैं। यहां के लोगों से बात कर फर्स्ट न्यूज संपादक अपने प्रतिनिधि श्रीमती सरबनी दास के साथ श्यामपुकुर थाना प्रभारी से इस घटनाक्रम पर मिलने पहुंचे। जब पत्रकार एस.भट्टाचार्य का नाम आया तब थाना प्रभारी सम्राट के नाम से उसकी पहचान बताने लगे तथा उन्होंने सम्राट भट्टाचार्य व इस घटना की शिकायत स्वीकार करने की तो बात कहीं पर कार्रवाई क्या की जायेगी, उसको टाल गये। थाना प्रभारी ने सम्राट के साथ पारिवारिक रिश्ते से तो इन्कार किया पर गाढ़ी जान पहचान के रूप में दोस्ती के रिश्ते को फिर भी नहीं छुपा सके। थाना प्रभारी ने इस समूची घटना को ट्राफिक पुलिस पर डाल दिया तथा इस सवाल का भी जवाब नहीं दे सके कि थाने के सामने उनकी उपस्थिति में महिला पत्रकार के साथ अगर कोई उनका बन्धु अभद्र व्यवहार कर रहा है तो उस वक्त वो चुपचाप क्यों देखते रहे?थाना प्रभारी के द्वारा सम्राट भट्टाचार्य के विरुद्ध स्टार आनन्द में शिकायत दर्ज करवाने की नसीहत आश्चर्यजनक लगी पर छुटते-छुटते थाना प्रभारी ने जब कानून को हाथ में ले लेने की सलाह कुछ इस तरह जब दी कि "कहीं वो मिले तो धक्का मार दीजिए' तब ऐसा लगा कि थाना प्रभारी अपनी गलती को छुपाने के लिए सामने वाले पक्ष को गुनाह करने के लिए उकसाने की कोशिश में किस हद तक नीचे गिर सकते हैं।इस समूचे घटनाक्रम की सार स्वरूप शिकायत माननीय पुलिस कमिश्नर सहित बंगाल गृह सचिव, डीसी (कंट्रोल रूम) व अन्य उच्च विभागों में कर दी गयी है।इस घटना के प्रतिवाद के माहौल का असर श्यामपुकुर थानान्तर्गत शोभा बाजार मेट्रो के पास देखा जा रहा है। अब पुलिसिया गुण्डागर्दी व दलाल की हेकड़ी का पारा उतरा हुआ बताया जा रहा है तथा सम्राट भट्टाचार्य नाम से वो पत्रकार जो पहले स्टार आनन्द का अपने आपको पत्रकार बतला रहे थे अब उन्होंने नाम बदलने शुरू कर दिये हैं। स्थानीय लोग पुलिस की गुण्डागर्दी व पत्रकार के भेष में पुलिस के इस दलाल की दादागिरी से निजात चाहते हैं।
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