Sunday, April 12, 2009
इनकी वर्दी उतारी जाये
फर्स्ट न्यूज साप्ताहिक में प्रकाशितअगर कानून के रखवाले कानून की रक्षा की वर्दी पहनकर दिन- दहाड़े बीच सड़क पर नियम-कानून की आड़ में भाड़े के दलाल के साथ आम जनता को डराकर-धमकाकर उनके पॉकेट से रुपये निकलवाने जैसा घृणित काम करें... और थाने के अधिकारी दलाल व उस कॉन्स्टेबिल का संरक्षण करें- तो ऐसे लोगों की तत्काल प्रभाव से वर्दी उतार दी जानी चाहिए़।इसी प्रकार पत्रकारिता की गरिमा को कलुषित करने की कोशिश अगर कोई व्यक्ति पुलिस का दलाल सा बनकर बीच सड़क में आम जनता को कानून का डण्डा द़िखाकर रिश्वत का पैसा पुलिस को दिलाने में पुलिस का सहायक बनता दिखे तो ऐसे पत्रकार से कलम चलाने का अधिकार भी छीन जाना चाहिए़़। क्योंकि पुलिस की वर्दी और पत्रकार की इस कलम का दायित्व बहुत बड़ा है। इसलिये इन दोनों का सम्मान व रुतवा अपनी मर्यादा व गरिमा महत्ता को सुरक्षित न रख सके तो ऐसे लोगों को इस सम्मान व रुतवे का सिम्बल किसी भी रूप में नहीं मिलना चाहिेए।कानून का उल्घंन करने की इजाजत तो किसी को नहीं है-पर अगर कोई टैक्सी में पत्रिकाओं को लाद कर ला रहा है और कानून के रखवाले उसको रोककर तथा थाने में अंदर करनें की धमकी देकर अगर उस अल्पशिक्षित व्यक्ति से ३०० रुपये झाड़ ले... तो क्या इनके ऐसा करने से कानून का कायदा पुरा हो जाता है? अगर कहीं भी कानून की अवहेलना होती है तो उसका जुर्माना लेकर उसकी रसीद पकड़ानी चाहिए मगर जब पुलिस अपने साथ बिना वर्दी के दलाल को रखकर आम जनता को डण्डे के जोर पर कानून का पाठ रिश्वत लेकर अपनी पॉकेट को तिजोरी बनाती हुई दिखे तो ऐसे वर्दी वाले गुण्डो और बिना वर्दी वाले दलालों को सजा सुनिश्चित होनी चाहिए।७ अप्रैल को शोभाबाजार मेट्रो के पास हुई घटना की पुरी खबर पाठक पढ़ लें और अपने आपको अन्याय का प्रतिरोध करने के लिये तैयार करें... जब इनकी हरकतों के पिटारेें को आम जनता बजाने लग जायेेगी ..तब ये लोग समझेंगे कि कानून की रक्षा की इस वर्दी के गरिमामय कपड़े के फटने की सजा का दर्द कैसा होता है? ७ अप्रैल को शोभाबाजार मेट्रो के पास हुई घटना को शिकायत के रूप में पुलिस कमिश्नर व अन्य उच्च अधिकारियों को फैक्स कर दिया है।मुझे आशा है कि पुलिस कमिश्नर इस मसले की गम्भीरता को समझते हुये त्वरित कारवाई करेंगे।मैं श्याम थाना प्रभारी श्री एस.के. मित्रा व ट्रेफिक कॉन्स्टेबल दुर्गापदो राजक को तुरंत प्रभाव से बर्खास्त करने कि मांग करता हूं... व पुलिस दलाल की भूमिका निभाने वाले तथाकथित पत्रकार सम्राट भट्टाचार्य की संलिप्तता की जांच की मांग करते हुए यह निवेदन करता हूँ कि ऐसे लोगों को ""पत्रकार'' के रूप में उन सभी सुविधाओं से वंचित किया जाये जिनका दुरुपयोग करके ये लोकतंत्र के चौथे स्तंभ को कलंकित कर रहें हैं। -संजय सनम
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