वरुण ने हाथ तोड़ने की बात कही तो हंगामा हो गया और रासुका के तहत उन पर कई तरह के अभियोग लगाकर उनको जेल भिजवा दिया गया ,पर लालू ने एक चुनावी रैल्ली में एक समुदाय को खुश करने के लिए यहाँ तक कह दिया की वो अगर गृह मंत्री होते तो वरुण को बुल्ल्दोजेर से कुचलवा देते .लालू का यह बयां क्या कातिलाना नही है ?माना की वरुण का बयां सांप्रदायिक था पर लालू ने भी शालीनता कहा रखी ?एक समुदाय विशेष को खुश करने के लिए वो कातिल बननेको भी तेयार हो गए .क्या गृह मंत्री को कानून हाथ में लेकरकिसी पर बुल्दोजेर चलानेकी छुट है अब इस विषय पर बहस होनी चाहिए वरुण तो अभी अप्रिपक युवा राजनेता है परलालू ने तो राजनीती में अपने बाल सफेद किए है फ़िर भी अगर वो ऐसी गलती कर सकते है तो वरुण के गुनाह पर परदा ख़ुद पड़ जाता है लालू ने अपने बयां से इस देश की जनता को यह बता दिया है की वोटोंकी गठरी को पकड़ने के लिए वो सरे आम कत्ल भी कर सकते है ...अब इस देश की जनता के लिए यह chunoti है की कत्ल की mansha रखने walo को sanshad में jane से कैसे roke ?
sawal यह भी है की लालू पर attamp तो murder का mamla क्या नही banta ?अगर वरुण पर रासुका लग सकता है तो यहाँ लालू कैसे bach सकते है ?अगर लालू में thodi भी manwiyata है तो उनको अपने बयां पर पलटने की बजाये हाथ जोड़ कर वरुण से माफ़ी मांगनी चाहिए
संजय सनम
Monday, April 6, 2009
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2 comments:
क्या कै लिये ओ?
लालू तो छेकूललिया है, सोनियां आंटी और कांग्रेस के याल हैं
दे छेकूललिया थाले पूले देत को तूतिया बना लये एं.
कुछ बी कलेंगे, कोई इनका क्या बिगाल लेगा?
इनकी तो #@*#%*
यदि वरुण का बयान साम्प्रदायिकता है तो लालू का बयान घोर साम्प्रदायिकता के साथ हत्यारा भी है। अत: लालू पर तो कड़ी से कड़ी कार्यवाही होनी चाहिए। इस देश का दुर्भाग्य है कि अन्तरराष्ट्रीय साजिश के तहत भारत की सुरक्षा खतरे में पड़ी हुई है और कट्टर वादी ताकतें भारत की जनता को चारा बना रहे हैं उन पर अत्याचार कर रहे हैं। यदि ऐसे में कोई भारतीय जनता के पक्ष में बोलता है तो वह साम्प्रदायिकत हो जाता है। इस देश में सभी हिन्दू या भारतीय या सनातनी हैं। प्रत्येक व्यक्ति ने अपनी मर्जी से अपनी आस्थाओं का चुनाव किया है अत: अल्पसंख्यक शब्द भारत के लिए उपयुक्त नहीं है। यदि कोई जाति भारत से बाहर से आयी होती तो उनका संरक्षण करना हम सबका उत्तरदायित्व होता लेकिन जो लोग यहीं के हैं वे कैसे अल्पसंख्यक हो गए? फिर तो हम सभी अल्पसंख्यक हैं।
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