माँ की ममता
के
बिच
माया
आ रही है
शायद उसको अब
इस बात का
डर लग रहा है कि
एक गठरी को
बचाने के
जुगत में
वोटो कि
बड़ी गठरी
फिसली जा रही है ।
राजनीती का यह
नजारा साफ बताता है कि
कुर्सी का पहिया
वोट बैंक पर
बठेने के खातिर
एक माँ की
ममता के बिच
बदनीयत के साथ
इस तरह आ जाता है ।
संजय सनम
Saturday, April 4, 2009
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1 comment:
भावपूर्ण अभिव्यक्ति..
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