Saturday, August 6, 2011

सरकार बीमार है-इसका इलाज कीजिये!

सोनिया गांधी जी अस्वस्थ हैं- उनका विदेश में इलाज चल रहा है- उनको स्वास्थ्य को निजी मामला कहकर निजता का सम्मान करते हुए उनके स्वास्थ्य के बारे में देश को जानकारी विस्तृत रूप से नहीं दी जा रही है। बेशक यह उनका निजी मामला है- लेकिन सोनिया जी देश की महत्वपूर्ण हस्ती है-क्योंकि वो कांग्रेस अध्यक्षा है तथा सरकार की कार्यप्रणाली पर उनका निर्देशन जुड़ा हुआ है-इस लिहाज से उन पर पड़ने वाला कोई प्रभाव सरकार व देश पर भी पड़ता है- इसलिये स्वास्थ्य की विस्तृत जानकारी को देश के सामने न रखना उनकी निजता का सम्मान तो जताता है पर देश की जनता के जिज्ञासा समाधान को नहीं बताता अर्थात कहीं न कहीं भावनात्मक रूप से ही सही इस देश की जनता के लिये यह उचित नहीं हो रहा है।
लोग जानते हैं कि इस सरकार में कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष का पद कितना प्रभाव रखता है... और वो व्यक्तित्व अगर अस्वस्थ हो जाये और कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में उनके पुत्र को कमान सौंपने की फुसफुसाहट शुरु हो जाये तो दो बातें सामने आती है- एक तो कांग्रेस अध्यक्षा की बीमारी शायद गम्भीर है अन्यथा कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में कमान उनके पुत्र को सौंपने की बात शायद नहीं चलती ।
दूसरी बात परिवारवाद की विरासत की आती है- क्या राहुल इतने परिपक्व हो गये हैं कि वो कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में सरकार को चला सकते हैं क्योंकि लोगों की यह मान्यता बन गई है कि यहां सरकार अपनी मर्जी से नहीं बल्कि कांग्रेस अध्यक्षा की मर्जी से ही चलती दिखी है- क्या राहुल इस जवाबदेही को कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में संभाल पायेंगे?
शायद कांग्रेस में नेताओं का अकाल है.... गांधी परिवार के प्रति जी हजुरी करने वालों की भरमार है- अन्यथा राहुल गांधी ही आगे खड़े नहीं दिखते, सचमुच वफादारी की मिसाल यहां दी जा सकती है- यह तो बेमिसाल है। राहुल युवा है- देश में जनता के बीच घुमे हैं-दलितों-किसानों के घरों में रहे हैं-सिर्फ यह योग्यता ही तो काफी नहीं कही जा सकती है। यू.पी. में जमीन अधिग्रहण की आलोचना करते हुए उन्होंने हरियाणा सरकार के द्वारा जमीन अधिग्रहण का उदाहरण प्रस्तुत कर हरियाणा सरकार के कसीदे पढ़े थे- लेकिन कुछ दिनों बाद वहां भी विवाद सामने आ गया।
दरअसल यहां योग्यता नहीं बल्कि विरासत के आगे सियासत घुटने टेकती नजर आती है ...और यह इस देश का दुर्भाग्य ही कहां जा सकता है।
सोनिया जी की स्वस्थता की हम दुआ करते है-उनका शरीर व मन दोनों स्वस्थ हो- हमारी यह मंगल कामना है। अब यह उन पर व सरकार पर है कि अपनी निजता के अधिकार का संरक्षण करेगी या जनता की भावनात्मक जिज्ञासा का समाधान करेगी।
हम यह नहीं जानते कि सोनिया जी के स्वास्थ्य की स्थिति वास्तविक रूप से कैसी है?-पर हालात देश के यह बताते हैं कि सरकार बीमार है और उसकी वजह से देश बीमार है... और इसके लिए सरकार की मनोस्थिति व कार्यप्रणाली के सटीक इलाज की जरूरत है... और यह निजता का मामला नहीं ११० करोड़ की आबादी वाले इस देश का मामला है और इसका इलाज जरूरी है।

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