Saturday, May 28, 2011

भड़की जनता-सहमा प्रशासन

-लापता बच्चों की सीबीआई जांच की मांग
-उत्तर हावड़ा भाजपा का धरना आन्दोलन
फर्स्ट न्यूज कार्यालय डेस्क
हावड़ा। उत्तर हावड़ा के गोलाबाड़ी थाना क्षेत्र के पीलखाना व फकीर बगान से पिछले ४ वर्षों में १३ लापता बच्चों की बरामदगी के लिए गोलाबाड़ी पुलिस प्रशासन की नाकामी के लिए पीलखाना क्षेत्र की जनता का गुस्सा परसो गुरुवार को तब भड़क गया जब एक महिला के द्वारा एक बच्ची को फुसलाते हुए चोरी के संदेह में स्थानीय लोगों ने पकड़ा और भीड़ के उग्र रूप को देखते हुए जब पुलिस ने उस महिला को अपनी सुरक्षा में लेकर टेक्सी से रवाना किया तो पीछे भीड़ का सैलाब थाने की और उमड़ पड़ा। लोगों का आरोप था कि पिछले ४ वर्षों में पुलिस ने मिसिंग रिपोर्ट लिखने के बाद लापता बच्चों का सुराग लगाने की कोई कोशिश नहीं की। पीड़ित पक्ष जब भी थाने में जाकर अपने लापता बच्चों का जानकारी चाहते तो तो पुलिस उनको जलील करके थाने से निकाल देती थी। गुरुवार की दोपहर इस भीड़ में पुुरुष-महिलायं और किशोर बच्चे भी शामिल थे। सूत्रों से मिली जानकारी के आधार पर जनता का गुस्सा पुलिस प्रशासन (गोलाबाड़ी थाना) की निष्क्रियता व नाकामी के खिलाफ इतना उग्र देखा गया कि पुलिस को अपनी सुरक्षा के लिए कुछ समय के लिए गोलाबाड़ी थाने के प्रवेश फाटक को जंजीर लगाकर ताले से बंद करना पड़ा। खबर तो यह भी है कि जनता को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने लाठियां भांजी-जिससे कुछ महिलाओं को भी चोट लगी तथा कुछ गंभीर रूप से घायल हुये इनमे से एक का इलाज हावड़ा जनरल अस्पताल में चल रहा है। इस घटना के बाद क्षेत्र के विधायक ने भी दौरा किया। पुलिस के द्वारा लाठी चार्ज व उग्र भीड़ के द्वारा पथराव से माहौल तनाव पूर्ण बन गया। इस घटना के बाद उत्तर हावड़ा भाजपा इकाई ने स्थानीय पुलिस प्रशासन की निष्क्रियता के विरोध में व पीड़ित परिवारों को न्याय दिलाने के लिए गोलाबाड़ी थाने के सामने शुक्रवार से धरना आन्दोलन शुरू कर दिया। इस घटना आन्दोलन में भाजपा हावड़ा जिला अध्यक्ष अम्बुज शर्मा, युवा मोर्चा के जिलाध्यक्ष उमेश राय, महामंत्री विनय अग्रवाल व इन्दूदेव दुबे, विजय तिवाड़ी व वरिष्ठ अशोक सिंह के साथ भाजपा कार्यकर्ता गण व लापता बच्चों का मातायें रुकसाना बेगम, आजीमा बेगम, आशा खातून शमा बेगम, मीनु मुमताज व अन्य पारिवारिक जन भी उपस्थित थे। भारतीय जनता युवा मोर्चा हावड़ा के अध्यक्ष उमेश राय ने फर्स्ट न्यूज को बतलाया कि गोलाबाड़ी पुलिस विभाग की अक्षमता खुद बताती है कि जो अपनी सुरक्षा नहीं कर सकते वो आम जनता की सुरक्षा भला क्या करेंगे। उन्होंने जोर देकर कहा कि जब जनता सड़क पर अपने अधिकार के लिये उतरती है तो प्रशासन भी सहम जाता है और थाने के प्रवेश द्वार को भी बंद करने की नौबत आ जाती है।
श्री राय के अनुसार यह अत्यन्त दुखद है कि एक के बाद एक हुई घटनाओं के बाद भी प्रशासन की नींद नहीं उड़ती और वो मिसिंग रिपोर्ट दर्ज करके अपने कर्तव्य की इतिश्री कर लेता है। उन्होंने कहा कि पुलिस विभाग को इसे अपराधिक मामले के रूप में गंभीरता से लेते हुए एफआईआर दर्ज करके इस रैकेट का पर्दाफाश करना चाहिए था पर जिनको ऊपरी आमदनी बटोरने में फुर्सत नहीं भला वो मां की ममता की उस पीड़ा को क्या समझेंगे।
श्री राय ने इस आन्दोलन को तब तक खत्म न करने की बात कही जब तक इस मामले की सीबीआई जांच का सटीक आश्वासन नहीं दिया जाता- उन्होंने आशंका व्यक्त की १३ बच्चों की चोरी का यह मामला निठारी जैसा कांड भी हो सकता है इसलिए इसकी जांच उच्चस्तरीय रूप से होनी चाहिए क्योंकि स्थानीय पुलिस प्रशासन ने पीड़ितों के जख्मों पर मरहम लगाने के स्थान पर उनको जलील करके नमक लगाया है।
हावड़ा जिला अध्यक्ष अम्बुज शर्मा ने अपने वक्तव्य में पीड़ित परिवारो ंको न्याय दिलाने हेतु भाजपा की हावड़ा इकाई के द्वारा इस आन्दोलन को मानवीयता के जज्बे को प्रतीक बताते हुए इसको राजनीतिक रूप से न आंकने की बात कहते हुए आखिरी दम तक संघर्षरत रहने का विश्वास व्यक्त किया। अब देखना ये है कि गोलाबाड़ी पुलिस प्रशासन के खिलाफ यह आन्दोलन किस सीमा तक जा सकता है और जन आन्दोलन का हिस्सा बनकर आम जनता को कितना जोड़ सकता है।

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