Friday, June 10, 2011

सत्याग्रह

भष्टाचार

भष्टाचारियों

की

इस व्यवस्था का

सत्याग्रह से

समाधान...

नहीं हो सकता

असुर शक्ति का

नीति से परिहार

नहीं हो सकता...

और जब तक

हम

उनके सामने

नीति विचार

की घंटी

गांधी की

अहिंसा की लाठी

से

दबायेंगे...

तब तक

वो

देश का

निवाला और

निगल जायेंगे...

इसलिए

अब हमें

गांधी को छोड़कर

भगत,

सुभाष,

तात्या,

लक्ष्मीबाई

की

राहों पर

आना होगा

और

प्रहार दर प्रहार

कर

इनका

संहार करना होगा।

भ्रष्ट व्यवस्था

बनाने

वाले

इन व्यवस्थापकों

को

उनकी

भाषा में

समझाना होगा-

उन्होंने

लाठियां चलाई

तो हमको

लट्ठ

चलाना होगा..

तब इस समस्या का

समाधान होगा...

अन्यथा

अमर बेल

की

तरह

और

प्रसार होगा।


-संजय सनम

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