Friday, June 3, 2011

प्रियंका की रहस्यमय मौत का मामला

-आरोपों के घेरे में स्थानीय पुलिस प्रशासन
-सास-ससुर, पति, जेठ, जेठानी के खिलाफ एफआईआर
-पुलिस ने कहा आरोपी हैं फरार
फर्स्ट न्यूज कार्यालय डेस्क
हावड़ा। राजस्थान के बीदासर कस्बे के थानमल दूगड़ की सुपुत्री प्रियंका उर्फ बोबी छापर कस्बे के विमल सिंह जैन (छाजेड़) परिवार के पुत्र विकास के साथ करीब ४ वर्ष पूर्व ब्याही गई थी-जिसकी १९ मई को मिदनापुर पूर्व के दुर्गाचक हल्दिया में रहस्यमय परिस्थितियों में हुई मौत का सनसनीखेज मामला सामने आया है।
प्रियंका के बहनोई राकेश तातेड़ व भाई धीरेन्द्र दुगड़ से मिली जानकारी के अनुसार शादी के बाद से ही प्रियंका पर ससुराल पक्ष के द्वारा अत्याचार होता था-ससुराल में प्रियंका की स्थिति नौकरानी से बदत्तर थी। रुपयों की मांग भी होती थी जिसको पीहर पक्ष के द्वारा अपनी हैसियत के आधार पर पूरा भी किया जाता था। लगभग अढ़ाई वर्ष पहले दुर्गाचक हल्दिया में मकान लेते वक्त भी दो लाख रुपए ससुराल पक्ष को और दिये गये। ससुराल पक्ष से प्रताड़ित होने का आभास तो मिला था पर यह सोचकर कि वक्त आने पर सब सामान्य हो जायेगा-कड़ी कार्रवाई का विचार भी नहीं आया था।
धीरेन्द्र दूगड़ के अनुसार उन्होंने यह नहीं सोचा था कि प्रियंका का ससुराल वाले इतने निर्मम हो जायेंगे और सुनियोजित रूप से फिनायल पिला कर प्रियंका को हमेशा के लिए मौत की नींद सुला देंगे।
प्रियंका की मौत पर वहां के स्थानीय लोगों में आक्रोश यह जताता है कि प्रियंका ससुराल में प्रताड़ना को सह रही थी। १७ मई की रात को प्रियंका को घर से बाहर निकालने की भी खबर है। १७ से १९ मई के बीच प्रियंका के फोन पर पीहर पक्ष के द्वारा २० से अधिक फोन किये गये-लेकिन प्रियंका से बात नहीं हो सकी- प्रियंका के मोबाइल से सिम कार्ड निकालने का भी आरोप लगाया जा रहा है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रियंका को फिनायल पिलाने के बाद गंभीर अवस्था में श्याम नर्सिंग होम में १९ मई को सुबह ९.३० के आस-पास ले जाया गया फिर वहां से हल्दिया हास्पिटल व बाद में तमलूक ले जाया गया-जहां प्रियंका ने दम तोड़ दिया।
पीहर पक्ष का आरोप यह भी है कि पोस्टमार्टम भी हमलोगों के पहुंचने से पहले ही करवा दिया गया। ससुराल पक्ष के लोग प्रियंका के दाहसंस्कार के लिए बहुत जल्दी में दिखे। स्थानीय लोगों के आक्रोश के कारण पुलिस सुरक्षा में दाह संस्कार किया गया। प्रियंका के पीहर पक्ष को आशंका है कि प्रियंका की मौत पहले ही हो गई थी-कागजी कार्रवाई में १९ तारीख बताई गई है तथा उनको खबर भी देर से दी गई।
स्थानीय पुलिस प्रशासन की नौतिकता पर भी आरोप लगे है। तातेड़ के अनुसार प्रियंका के ससुराल वालों ने इसे आत्महत्या का रूपक बनाकर पुलिस प्रशासन को धन-बल के द्वारा अपने पक्ष में पहले ही कर लिया था। चूंकि उस वक्त पीहर पक्ष के लोग भावनात्मक रुप से इतने आहत हो गये थे कि कोई भी निर्णय करने की स्थिति में नहीं थे पर २२ मई को प्रियंका के भाई धीरेन्द्र कुमार दुगड़ ने अपनी बहन की रहस्यमय मौत पर अपनी शिकायत हल्दिया के दुर्गाचक थाने में दर्ज कराई जिसमें प्रियंका के पति विकास जैन (छाजेड़), ससुर विमल सिंह जैन (छाजेड़), श्रीमती सज्जन देवी (सास), नवीन जैन (छाजेड़) (जेठ) व श्रीमती शीतल जैन (जेठानी) को आरोपी बतलाया गया है।
इस संपूर्ण घटनाक्रम में ससुराल पक्ष के द्वारा प्रताड़ना रुपयों की मांग व अभद्र व्यवहार तथा स्थानीय पुलिस प्रशासन द्वारा आरोपित व्यक्तियों पर कार्रवाई न करना तथा तेरापंथ समाज के द्वारा घटनाक्रम पर प्रियंका के ससुराल पक्ष पर दंडात्मक कार्रवाई न करके समाज के कुछ लोगों के द्वारा पीड़ित पक्ष पर समझौता करने का दबाव बनाना विशेष सोचनीय लगा है। प्रियंका के अढ़ाई वर्ष का एक बच्चा भी है जो ससुराल पक्ष के लोगों के पास है .... और इसकी सुरक्षा की चिन्ता भी दुगड़ परिवार को बनी हुई है।
फर्स्ट न्यूज कार्यालय ने प्रियंका के ससुराल पक्ष में ससुर व पति के मोबाइल नम्बर पर संपर्क साधा, लेकिन स्विच ऑफ होने की वजह से उनसे बात नहीं हो सकी। दुर्गाचक थाने के प्रभारी श्री प्रमाणिक से सम्पर्क करने पर उन्होंने बताया कि जांच चल रही है। आरोपी फरार है अर्थात वो पुलिस की पकड़ से बाहर है।
इधर, प्रियंका के पीहर पक्ष ने महिला आयोग,भवानी भवन तक अपनी शिकायत पहुंचा दी है- और यह शिकायत राज्य की मुख्यमंत्री सुश्री ममता बनर्जी को भी जाने वाली है। प्रियंका के बहनोई राकेश तातेड़ व भाई धीरेन्द्र दुगड़ प्रियंका की मौत के जिम्मेदार लोगों को दण्ड दिलाने के लिए अडिग है। इसके लिए वे हर उस संस्थान का दरवाजा खटखटायेंगे जहां ऐसे मामलों पर संज्ञान लिया जाता हो।
तेरापंथ समाज के कुछ लोगों के द्वारा समझौते के लिहाज से सेटलमेंट की आवाज पर पीड़ा प्रगट करते हुए इन्होंने कहा कि मौत के बदले अपराधियों को दण्ड दिलाने की जगह और कोई समझौता नहीं हो सकता।

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