Tuesday, January 6, 2009

धन्यवाद् दे गया |

पुरे सफर जो तूफान था
जाते -जाते बहार दे गया ।
खूब खटका था ,नजरो में
जाते -जाते खवाब दे गया
इजहार भी न कर सके हम
वो जाते -जाते करार दे गया
हमने तो उसको अलविदा ही कहा
पर वो हमको धन्यवाद दे गया
नव -वर्ष के सफर का
जोश ऐ खुमार दे गया
हम सोचते ही रह गए
वो धीरे से प्यार दे गया
संजय सनम

3 comments:

महेन्द्र मिश्र said...

पुरे सफर जो तूफान था
जाते -जाते बहार दे गया ।
खूब खटका था,नजरो में
जाते-जाते खवाब दे गया

behad lajabab rachana . dhanyawad.

हरकीरत ' हीर' said...

हम सोचते ही रह गए
वो धीरे से प्यार दे गया

acchi baat hai na....?

swagat hai....

शाकिर खान said...

ब्लोगींग हमको पसंद आई । ब्लॉग्गिंग जारी रखिये । हमारे ब्लॉग पर भी पधारिये । धन्यवाद् ।