Tuesday, December 30, 2008

कुछ लिख दे |

वर्ष के आखिरी पन्ने पर कुछ रंगीन अंदाज लिख दे ,मन गर भारी भी हो तो भी खुश मिजाज लिख दे

आने वाले के लिए हम अपने अहसास लिख दे ,सफर के लिए कदमो की मस्त फलांग लिख दे

हमसफ़र वो बन रहा है हम उसे अपना रिवाज लिख दे, अपनेपन का रखना है वो लिहाज लिख दे

इस आखरी पाने पर दुओं की किताब लिख दे ,करना है जो- इन्कलाब लिख दे

और कुछ न लिख सके तो गुजारिश है कि मोहब्बत के अल्फाज लिख दे -फ़िर आप अपना ख्वाब लिख दे

वक्त को कह दे कि अब वो आपका मंजिल- ऐ मुकाम लिख दे

4 comments:

महेन्द्र मिश्र said...

नववर्ष की ढेरो शुभकामनाये और बधाइयाँ स्वीकार करे . आपके परिवार में सुख सम्रद्धि आये और आपका जीवन वैभवपूर्ण रहे . मंगल कामनाओ के साथ .धन्यवाद.

"अर्श" said...

बहोत खूब लिखा है आपने ढेरो बधाई साथ में आपको और आपके पुरे परिवार को नववर्ष की हार्दिक मंगलकामनाएँ!

अर्श

hem pandey said...

'और कुछ न लिख सके तो गुजारिश है कि मोहब्बत के अल्फाज लिख दे' - सुंदर.

नीरज गोस्वामी said...

नव वर्ष की आप और आपके समस्त परिवार को शुभकामनाएं....
नीरज