पाकिस्तान की सरजमी भारत में आतंक का खोफ फैलाने के लिए खुलें आम प्रयोग हो रही है यह जानने के बाद भी हम उसे वो जबाब नही दे पा रहे है जो वक्त का तकाजा है यधपि पुरा विश्वा पाक को चतावनी दे रहा है पर बाहरी दिखावे के अलावा वहा कुछ खास कहा हो रहा है? बेशक हम लड़ना नही चाहते पर इस ड्रामे वाजी को और अधिक सहन भी तो नही क़र सकते शायद इसलिये युद्ध होना जरुरी है पर वो पाकिस्तानी अवाम से नही वरन सिर्फ़ आतंक वाद से है -हम चाहते है की पाक अवाम हमारी भावना को समझे व अपने हुक्मरानों को सही निर्णय लेने के लिए मजबूर करे क्योकि जखीरा बारूद का कहर कही भी बरपा सकता है अगर आग बारूद के उन गोदामों में लग गयी तो फ़िर पाक आवाम का क्या होगा ? ?हमारी चिंता सिर्फ़ अपनी नही बल्कि पाक आवाम की भी है और इसलिए निवेदन अब पाक आवाम से है की अपने आशियाने को जरा सम्हाल लीजिये क्योकि बारूद के सोदागर अपना घर बनाने लग गए है जहा अमन की समां जलारखी है आपने - वहा वो मातम के गीत गुनगुनाने लगे गए है जख्म हमारे आपको यह बताने लग गए है की शैतानो को शह आप क्यो दिलाने लग गए है ?
संजय सनम
Sunday, December 21, 2008
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