Saturday, March 14, 2009

चुटकी

थर्ड फ्रंट की सूरत
यह साफ जता रही है की
न तो नो मन तेल होंगा
न ही राधा नाचेगी
फ़िर माया जाने क्यो ?
जमी पर पैर रखे बिना
नाचना चाह रही है
संजय सनम

1 comment:

ghughutibasuti said...

ये Kraxpelax भाई तो हमें perplex कर गए।
कविता बढ़िया है।
घुघूती बासूती