Saturday, October 1, 2011

चुटकी

१.
गृहमंत्री और
वित्तमंत्री
में ठनी
फिर
मनमोहन व सोनिया
के द्वारा
सुलह बनी
तब दोनों एक साथ
प्रेस कान्फ्रेंस में
मित्रवत से आये...
बयान के रुप में
पूर्व लिखित
स्क्रिप्ट सुनाये-
तब पत्रकारों ने
शायद यह सोचा होगा
कि एक पत्र से खबर
भी तूफानी बनती है
और एक स्क्रिप्ट
तब उस खबर को
तमाशा भी कर देती है।
अर्थात २जी स्प्रेकट्रम घोटाले पर
वो पत्र सनसनी
खेज खुलासा था,
या
फिर कॉमेडी-तमाशा था।

२.
गृहमंत्री जी की स्मरण शक्ति व गिनती शक्ति कमजोर है तब भी वो गृहमंत्री है-
क्योंकि प्रधानमंत्री जी
की भी
नैतिक शक्ति
कमजोर है।
इस देश की
ग्रह-स्थिती
कमजोर है
शायद तभी
नाकाम-बेनकाब की कमान से
देश चल रहा है।
व इनके बोझ से
बेवजह दब रहा है।

३.
तिहाड़ के
दिन
फिर गये हैं
राजा-मंत्री
मिल गये है।
भविष्य में
और भी आ सकते हैं।
सम्भावना यह कहती है
प्रधानमंत्रीजी
कैबिनेट की बैठक
तिहाड़ में भी
बुला सकते हैं।

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