Thursday, November 27, 2008

हमारा तंत्र कमजोर था |

चंद आतंकियो ने मुंबई ताज ,ओबरॉय को मौत का मैदान बनाकर जिस रूप का इजहार किया है उसने यह जता दिया की उनकी पक्की प्लानिंग के समाने हमारी घेराबंदी कमजोर थी अगर समुद्र तट के मछुहारो की रिपोर्ट पर तुरत -फुरत कारवाई कि गई होती तो शायद इन आतंकियों के मनसूबे प्लॉप हो गए होते तथा देश जन हानि का शोक न मना रहा होता हमारी खुफिया प्रणाली की असफलता आतंकियों की सफलता का कारक बनी है -तथा इस देश की स्वार्थी राजनीति भी इस घटना की जिम्मेदार है जिसने साध्वी प्रज्ञा को आतंकी साबित करने के लिए जांच एजेंसियों को इस कदर लगवा दिया कि वास्तविक आतंकवाद की जड़ो को काटना ही भूल गए इसलिए इस दुर्घटना के लिए असली जनक राजनीति को मानकर इस देश की जनता को सही फ़ैसला लेना चाहिएआतंकियों की प्लानिंग की ऐसी सफलता एक तरफ़ उनके होसलो को बुलंद करती है तो वही उनसे लोहा लेने वाले तंत्र को निराश भी करती है वोटो के लिए राजनीति देश को जब तक दाव पर लगाती रहेगी तब तक खूनी पटाखों का खेल चलता रहेगा क्योंकि जनता का ही तंत्र जब कमजोर है तो जाँच एजेंसियों को कटघरे में खड़ा करना उचित नही होगा

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